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धीरज तो हम कभी न छोड़ें मुश्किल हो दौर बिगाड़ सके न कुछ भी कोरोना दूज़ी लहर काबू है हमने पाया डबल मास्क दो गज़ की दूरी श्वान भौंक रहे भौंकने दो विश्व का सिरमौर भारत उत्थान विश्वगुरु और फिर.... आज फिर....... ख्याति हिन्दीकविता hindikavita

Hindi विश्वगुरु फिर बनेगा जग सिरमौर Poems